वह शक्ति हमें दो दयानिधे... प्रार्थना
Wah Sakti Hame do Dayanidhe..Prarthana
- Like & Share on Facebook
वह शक्ति हमें दो दयानिधे...के लेखक -
ऐसा माना जाता है कि वह शक्ति हमें दो दयानिधे कविता या प्रार्थना श्री परशुराम पान्डे जी की लिखी गयी है जो कि ग्राम द्वारी तहसील गुढ जिला रीवा मध्यप्रदेश के निवासी थे, इसका स्पष्ट उल्लेख वयोवृद्ध पं रामसागर शास्त्री जीने अपने ग्रन्थ ” विन्ध्य दर्शन ” भाग १ के पृष्ठ 380 में किया है । इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि यह कविता श्री मुरारीलाल शर्मा बालबंधु द्वारा लिखित है। मुरारीलाल शर्मा जी ग्राम – साइमल की टिकड़ी, जिला-मेरठ, उत्तर-प्रदेश के थे। इन्टरनेट पर भी इसके रचयिता कौन हैं इसमें मतभेद पाया गया है। इस पेज पर हम इस कविता का हिन्दी और अंग्रेजी अनुवाद देखेंगे और साथ ही जानेगें इसका अर्थ ।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे... प्रार्थना हिंदी बोल -
वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें I
पर-सेवा पर-उपकार में हम, जग जीवन सफल बना जावें II
हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के सेवक बन संताप हरें I
जो हैं अटके, भूले-भटके, उनको तारें खुद तर जावें II
वह शक्ति हमें …
छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ, अन्याय से निशिदिन दूर रहें I
जीवन हो शुद्ध सरल अपना, शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावे II
वह शक्ति हमें …
निज आन-बान मर्यादा का ,प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे I
जिस देश-जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें II
वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर-सेवा पर-उपकार में हम, जग जीवन सफल बना जावें॥
Wah Sakti Hame do Dayanidhe.. Prarthana Lyrics in English -
Wah Shakti Hame Do Dayanidhe, Kartavya Marg Par Dat Javen,
Par Sewa Par Upkar Main Ham, jag Jeevan Saphal Bana Javen.
Ham Deen-Dukhi Nibalon-Vikalo, Ke Sevak Ban Santap Haren,
Jo Hain Atake, Bhoole-Bhatke, Unko Taren Khud Tar Javen.
Wah Shakti Hame…
Chhal Dambh-Dvesh Pakhand Jhooth, Anyay Se Nishidin Door Rahen,
Jeevan Ho Shuddha Saral Apna, Shuchi Prem-Sudha Ras Barsaye.
Wah Shakti Hame…
Nij Aan-Baan Maryada Ka, Prabhu Dhyan Rahe Abhiman Rahe,
Jis Desh-Jati men Janm Liya, Balidan Usi Par Ho Javen.
Wah Shakti Hame Do Dayanidhe, Kartavya Marg Par Dat Jaye।
Par Sewa Par Upkar Men Ham, Jag Jeevan Safal Bana Javen.
वह शक्ति हमें दो दयानिधे.. प्रार्थना का अर्थ -
उत्तर और मध्य भारत के विद्यालयों में सुबह सुबह इस प्रार्थना को सरस्वती जी की प्रतिमा या फोटो के सामने बच्चों द्वारा गाया जाता है। अधिकतर बच्चों को इसका अर्थ पता नहीं होता । इसमें हम यह प्रार्थना करते हैं कि हे दयानिधे हमको ऐसी शक्ति प्रदान करें जिससे हम अच्छे, सच्चे और न्याय के रास्ते पर चलते हुए अपने कर्तव्यों को निभायें, जो कमजोर और दुखी लोग हैं उनकी सेवा करें, कभी झूट न बोलें अन्याय न करें, हमें अपनी आन बान और मर्यादा का ध्यान रहे और इन पर गर्व हो और ऐसे अच्छे काम कर के अपने जीवन को सफल बनायें।