
श्री वीरभद्र चालीसा
Shri Veerbhadra Chalisa

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श्री वीरभद्र चालीसा हिंदी बोल -
IIदोहा II
वन्दो वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात I
ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात II
ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार I
ज्ञान ध्यान देही मोही देहु भक्ति सुकुमार II
IIचौपाई II
जय-जय शिव नन्दन जय जगवन्दन I जय-जय शिव पार्वती नन्दन II
जय पार्वती प्राण दुलारे I जय-जय भक्तन के दु:ख टारे II
कमल सदृश्य नयन विशाला I स्वर्ण मुकुट रूद्राक्षमाला II
ताम्र तन सुन्दर मुख सोहे I सुर नर मुनि मन छवि लय मोहे II
मस्तक तिलक वसन सुनवाले I आओ वीरभद्र कफली वाले II
करि भक्तन सँग हास विलासा I पूरन करि सबकी अभिलासा II
लखि शक्ति की महिमा भारी I ऐसे वीरभद्र हितकारी II
ज्ञान ध्यान से दर्शन दीजै I बोलो शिव वीरभद्र की जै II
नाथ अनाथों के वीरभद्रा I डूबत भँवर बचावत शुद्रा II
वीरभद्र मम कुमति निवारो I क्षमहु करो अपराध हमारो II
वीरभद्र जब नाम कहावै I आठों सिद्घि दौडती आवै II
जय वीरभद्र तप बल सागर I जय गणनाथ त्रिलोग उजागर II
शिवदूत महावीर समाना I हनुमत समबल बुद्घि धामा II
दक्षप्रजापति यज्ञ की ठानी I सदाशिव बिन सफल यज्ञ जानी II
सति निवेदन शिव आज्ञा दीन्ही I यज्ञ सभा सति प्रस्थान कीन्ही II
सबहु देवन भाग यज्ञ राखा I सदाशिव करि दियो अनदेखा II
शिव के भाग यज्ञ नहीं राख्यौ I तत्क्षण सती सशरीर त्यागो II
शिव का क्रोध चरम उपजायो I जटा केश धरा पर मार्यो II
तत्क्षण टँकार उठी दिशाएँ I वीरभद्र रूप रौद्र दिखाएँ II
कृष्ण वर्ण निज तन फैलाए I सदाशिव सँग त्रिलोक हर्षाए II
व्योम समान निज रूप धर लिन्हो I शत्रुपक्ष पर दऊ चरण धर लिन्हो II
रणक्षेत्र में ध्वँस मचायो I आज्ञा शिव की पाने आयो II
सिंह समान गर्जना भारी I त्रिमस्तक सहस्र भुजधारी II
महाकाली प्रकटहु आई I भ्राता वीरभद्र की नाई II
IIदोहा II
आज्ञा ले सदाशिव की चलहुँ यज्ञ की ओर I
वीरभद्र अरू कालिका टूट पडे चहुँ ओर II